नमक - एक रिश्ता
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कई वर्ष गुजर जाते है, राजा अपनी दोनों राजकुमारियों की शादियाँ अच्छे और बड़े राज्यों के राजकुमारों के साथ कर देता है। एक दिन दोनों राजकुमारिया राजा से मिलने आती है इसी खुशी में राजा बोलता है की हम सब जंगल में शिकार करने चलेंगे। अगले सुबह राजा अपनी दोनों राजकुमारियो और 50 सैनिक के साथ जंगल की और निकल पड़ते है। 5-6 दिन हो जाते है राजा का काफिला जंगल में रास्ता भटक जाता है। राजा बहुत चिंतित और परेशान होता है क्योंकी साथ में दोनों राजकुमारियाँ है, सिपाही भी थक गये है और भोजन सामग्री भी समाप्त हो गयी है। 2-3 दिन राजा का काफिला रास्ते की खोज में भटकता है पर उनको अपने राज्ये में वापस जाने का कोई मार्ग नहीं मिलता। राजा बहुत दुखी और हताश हो जाता है, उसकी दोनों बेटियों और सिपाहियों की भूख और थकान से बुरी हालत हो जाती है। तभी कुछ दूर चलने पे राजा और उसके काफिले को जंगल में एक घर दिखता है, राजा अपने काफिले के साथ उस घर की ओर बढ़ता है उस घर में एक गरीब लकडहार और उसकी पत्नी रहती थी।
बड़े से काफिले को घर की तरफ आते देख लकडहार घबरा जाता है और अपनी पत्नी को घर पे रहने को कहता है। राजा घोड़े से निचे उतरता है और जाकर लकड़हारे को कहता है की वह इस राज्य का राजा है, उसे पूरी बात बताता की वह कैसे अपना रास्ता भटक गये है। राजा उस से उसका नाम पूछता है लकड़हारा अपना नाम भीमा बताता है और राजा को प्रणाम करे के उनका स्वागत करता है। राजा उस से पूछते है की क्या वह इस जंगल से परिचित है? क्या वह रास्ता बताने में उनकी सहायता करेगा ? भीमा कहता है की उसको नगर का रास्ता पता है परन्तु आप लोग थक गए है थोड़ा आराम कर लीजिये। भीमा, राजा को बताता की उसकी पत्नी भोजन बहुत स्वादिष्ट बनती है तो वह राजा से अनुरोध करता है जब तक वह आराम करे तब तक उसकी पत्नी और वोह खाने का प्रबंद करते है।
कुछ देर बाद राजा, राजकुमरियो, और सभी सैनिको को खाने की बहुत अच्छी खुशबू आने लगती है और उनकी भूख और बड़ जाती है। तभी भीमा आकर राजा को बताता है की भोजन तैयार है, सभी लोग भोजन के लिए बैठते है भीमा और उसकी पत्नी सबको भोजन परोसते है। जैसे ही राजा पहला निवाला खाता है वह आश्चर्य होकर भीमा की पत्नी को बोलता है बेटी इसमे तो नमक ही नहीं है तो भीमा की पत्नी कहती है महाराज क्षमा करना पर आपको तो नमक बिलकुल ही पसंद नहीं है राजा आश्चर्य चकित होता है तभी उसको उसकी तीसरी राजकुमारी की याद आती है और वह भीमा की पत्नी को गौर से देखता है तो लड़की राजा को याद दिलाती है की वह उनकी छोटी राजकुमारी ही है जो अपने पिता को नमक जैसा प्यार करती थी तथा मुझे लगता है की आज आपको समझ में आ गया होगा की भोजन कितना भी स्वादिष्ट बन जाये लेकिन जब तक उसमे नमक नहीं डालता तब तक उसमे स्वाद नहीं आता।
निष्कर्ष = इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है की जिंदगी मीठी और नमकिन दोनों होनी चाहिये, लेकिन यहाँ जिंदगी मे मीठे से तात्यपर्य सुख,आनन्द ,से है तथा नमकीन का तात्यपर्य जीवन के संघर्ष से जब तक जीवन में संघर्ष नहीं होगा तो जीवन में मिठास नहीं होगी। दूसरे शब्दों में हम से कोई रोज मीठी बाते करे और बोले की वह तुम से प्यार करता है इसका मतलब यहाँ नहीं की वो सच में आप से प्यार करता है, जीवन में नामक जैसे प्यार करने का मतलब, जब हमें कोई हर बात में रोकता टोकता है, हमें डाटता है, जो हमारी गलती निकलता है तो वहा हम से सही मायने में प्यार करता है।
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