मेरी प्रार्थना(कविता)
हे ईश्वर मेरी दिनचर्या ऐसी बनाये रखना।
रहे स्मरण हमेशा तेरा, ऐसी कृपा बनाये रखना।
रोज किसी के काम आ सकूँ,
ऐसी रहमत बनाये रखना।
ईर्ष्या,द्वेष,बुराई न करू किसी की।
जब भी बोलू, वाणी में मिठास रखना।
सत्य कंहू और सत्य सुनू,
ऐसी मेहरबानी मुझ पर बनाये रखना।
दिन भर उन्ही से भेट कंरू,
जिनको मिलने पर तेरा नाम आये।
दिन में किसी को तेरा स्मरण करा सकूँ,
मेरी छवि ऐसी बनाये रखना।
तन से मन से करू बन्दगी तेरी,
तुझको ही देखु कण कण में,
दृष्टि ऐसी बनाये रखना।
हे ईश्वर प्रार्थना है मेरी,
दिनचर्या ऐसे ही बनाये रखना।
So wonderful ....
ReplyDelete