मेरी माँ (कविता)
मेरी माँ ईश्वर की सूरत है
मेरे लिए ममता की मूर्त है
मेरे लिये इस संसार में
अलग सी प्यारी सूरत है
माँ तो ईश्वर से बढ़कर है
जिनके बिना मेरा आज ना कल है
माँ तो निश्छल प्रेम का सागर है
जिनके बिना जीवन निराधार है
माँ के चरणों में जनत है
जिनसे मेरी खुशिया अनंत है
माँ से घर की खुशिया है
माँ के आशीष से सुख शांति की दुनिया है
माँ का आदर करना मेरी खुश नसीबी है
माँ की सेवा करना ईश्वर की भक्ति है
माँ ने जन्म दिया तो यह संसार देखा है
माँ ही मेरी जीवन रेखा है
मेरी माँ ईश्वर की सूरत है
मेरे लिए ममता की मूर्त है
JOY'N'SUNNY
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Lovely poem
ReplyDeleteBeautiful and touchy lines
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