अनमोल जीवल - PRICELESS LIFE
मानव जीवन भगवान का अनमोल तोफा है, इस संसार में सरे मनुष्य एक सामान है तथा उन पर ईश्वर की असीम कृपा है। जिसके कारण मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ है ईश्वर सरे मनुष्य पर एक सामान कृपा करता है पर मनुष्य को इस संसार में अपने आपको निखारना होता है तथा वह अपनी प्रतिभा और मेहनत से समाज में अपनी पहचान बनाता है।एक कहानी के माध्यम से इस विषय में प्रकाश डालने की कोशिश की है।
एक छोटी बच्ची अपनी कक्षा की पुस्तक पर कोई पाठ पड़ते समय उसके मन में एक प्रश्न आया उसने उसका उत्तर जानने के लिए अपनी माँ के पास गई, माँ उस समय पर रसोई घर पे काम रही थी बेटी ने माँ से पूछा; माँ इस संसार में मनुष्य की क्या कीमत है? माँ अपनी बेटी का यह सवाल सुन कर गंभीर तथा आश्चर्य चकित हो गई। फिर माँ ने बेटी को बोला की बेटी इस संसार में मनुष्य की कीमत का आकलन करना बहुत ही मुश्किल है वह तो अनमोल होते है।
बेटी - माँ क्या सभी लोग इस संसार में अनमोल कीमती तथा महत्वपूर्ण है ?
माँ - हाँ, बेटी
बेटी को माँ की बात समझ नहीं आयी तो उसने माँ से बोला माँ सभी लोग अनमोल है तो फिर इस संसार मे कोई अमीर है तो कोई गरीब क्यों है किसी को जरुरत से ज्यादा मिलता है तो कोई भूखा ही रह जाता है। इस समाज में किसी को बहुत ज्यादा इज्जत मिलती है तो किसी को कम मिलती है।
माँ कुछ देर शांत रही और फिर पतीले में रखे दूध को दिखा कर पूछा इस एक लीटर दूध की क्या कीमत है?
बेटी ने बोला की माँ इसकी कीमत 50 रूपए है।
माँ ने बोला अगर इसका दही बना दिया जाये तो इसकी क्या कीमत होगी?
बेटी ने बोला की माँ 65 रूपए।
माँ ने बोला की अगर इस दूध का पनीर बना दिया जाये तो इसकी कीमत क्या होगी?
बेटी ने बोला की माँ 100 रूपए होगी।
माँ ने बोला की अगर इस दूध मिढ़ाई बना दिया जाये तो इसकी कीमत क्या होगी?
बेटी बड़ी उत्सुकता से बोली माँ इसकी कीमत तो बहुत बड़ जायगी।
फिर माँ ने बेटी को समझते हुए बोला उसी प्रकार मनुष्य का जीवन है। उसके अंदर भी बहुत सी प्रतिभा और हर कर्य करने की क्षमता है वह अपने कार्य और उपलब्धि के आधार पर अपनी पहचान बनता है वह अपने आपको जितना निखरता है उसी से उसकी समाज में इज्जत और प्रतिष्ठा बनती है। फिर माँ ने बोला की कोई भी व्यक्ति अमीर या गरीब नहीं होता बल्कि उसकी कीमत इस बात में है की वह अपने आपको किस काबिल बना सकता है और इस जीवन को अपने कर्मो द्वारा अनमोल बना सकता है।
बेटी को अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया और समझ में आ गया की अपने जीवन को कैसे अनमोल बनाया जा सकता है।
नोट : मनुष्य की मनोदशा एसी है की वह अपने आप को वर्तमान परिस्थितियों की अवस्था में देख कर अपने आपको मुल्यहीन समझता है अपने अन्दर की शक्ति को नहीं पहचानता, हमारा जीवन हमेशा सम्भावना से भरा रहता है जीवन में कई बार हमारी परिस्थितिया अनुकूल नहीं होती इस से यह नहीं की हमारा मूल्य कम है। मनुष्य के रूप में हमारा जन्म हुआ है तो हम अनमोल है ये अब हम पर निर्भर करता है की हम अपनी प्रतिभा को निखार कर सही मूल्य प्राप्त करने की दिशा में बढ़ते है तथा किस तरह हम अच्छाई से ऊंचाई को प्राप्त कर अनमोल बनते है।
Nice way to make me understand how life is priceless
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