अहंकार
रिश्ते टूटने की वजह हमेशा अहंकार होता है।
जहाँ रिश्ता नहीं धन बड़ा होता है,
वहां रिश्तो की माला को टूटना ही होता है।
रिश्ते वह अनमोल मोती होता है,
जिनके बिना जीवन का हर सपना अधूरा होता है।
रहते है हम हमेशा अपने आप में,
कभी सोचा माँ-बाप के पास बैठना भी जरूरी होता है।
रिश्ते जीवन का वो अनमोल रस होते है,
जहाँ भाई-बहन का प्यार होता है।
जहाँ पति-पत्नी का साथ होता है,
दोस्तों का अनमोल खजाना होता है।
रहे साथ रिश्तो का तो हर खुशी दुगनी होती है,
मुश्किल कितनी भी हो आसान होती है।
रिश्तो के बिना ज़िंदगी अधूरी होती है,
हर परिवार की बुनियाद रिश्तो से होती है।
क्यों नहीं समझते हम रिश्तो में अहंकार की जगह नहीं होती है,
छोटी-छोटी बात को बढ़ाकर रिश्तो में दरार पैदा होती है।
जब आ जाये धन-दौलत का अभिमान रिश्तो में,
तो अपना अपनों से दूर होता है।
रिश्ते टूटने की वजह हमेशा अहंकार होता है।
Very good thought
ReplyDeleteGreat 👍 poem....
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