रहिये सदा मुस्कुराते (कविता)
रहिये सदा मुस्कुराते,
साथ तेरे क्या जाना है।
यह मानव जीवन एक दिन,
मिट्टी में विलिन हो जाना है।
क्यों कर रहा है बैर,
ये जीवन तो नष्ट हो जाना है।
रहो सदा प्यार से,
यह वक्त लौट के नहीं आना है।
बाटते रहो खुशियाँ सदा,
धन दौलत तो यही छूट जाना है।
रहिये सदा मुस्कुराते,
साथ तेरे क्या जाना है।
दीन दुःखयो की सेवा कर,
परम सुख को पाना है।
क्यों रखे द्वेष और इर्ष्या
इससे मानवता का मूल्य गिर जाना है।
रहिये सदा मुस्कुराते,
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