Friday, 30 June 2017

श्रद्धा, भक्ति और शांति

श्रद्धा, भक्ति और शांति 

एक गांव मे हरी लाल नाम का व्यक्ति रहता था, वह बहुत ही गरीब था जो अपने परिवार को एक वक़्त की रोटी बहुत मुश्किल से दे पाता था।  वह अपने और परिवार की हालत से बहुत ही दुखी था, इसलिए एक दिन हरी लाल फैसला करता है की वह भगवान से भेट कर आपने और परिवार के दुखों को दूर करेगा। इसलिए एक दिन वह भगवान की खोज मे निकल जाता है। हरी लाल कई दिनों तक भूखा प्यासा भगवन की खोज करता है पर उसे कोई सफलता नहीं मिलती, एक रोज वह थक कर एक वृक्ष के निचे आराम करता है तो उसे वह पर एक मुसाफिर मिलता है।  मुसाफिर हरी लाल की हालत देख उसको पूछता है की वह क्यों भटक रहा है और उसकी मंज़िल क्या है तो हरी राम उस मुसाफिर को बताता है की वह भगवान की खोज मे निकला है तो मुसाफिर बोलता है की मै तुम्हे भगवन तक पहुंचने का रास्ता बताता हूँ पर तुमको मेरा एक काम करना होगा, भगवन से मिलके मेरे लिए श्रद्धा मांगनी होगी। हरी लाल मुसाफिर की बात मान लेता है और उसके बताए रस्ते पर चल पड़ता है।  इसी तरह रास्ते मे हरी लाल को दो व्यक्ति और मिलते है जो उसको भगवान का रास्ता बताते है पर उनकी भी कुछ शर्ते होती है की जब वह भगवन से मिले तो उनके लिए भक्ति और शांति माँगे। हरी लाल इन दोनों व्यक्तियों की भी बात मान लेता है।     


हरी लाल जब भगवान के पास पहुँचता है, तो भगवान ने उसे तीन वरदान मांगने को कहते है और कहते की तुम कोई भी तीन चीज़े मांग लो, तो हरी लाल ने सोचा की भगवान तक पहुंचने मे जिन लोगो ने उसकी मदद की है एवं उन्हिकि मांगो के अनुसार वह भगवान से श्रद्धा, भक्ति और शांति मांग लेता है, और उसके तीनो वरदान ख़त्म हो जाते है। वह घर के ले लिए लौटाने लगता है तभी उसे रस्ते मे वही तीनो मुसाफिर मिलते है, तो वह उनका अभिवादन करता है और उनसे कहता है की उसने भगवान के दर्शन किए, उसने तीनो को बताया की भगवान से उसने श्रद्धा, भक्ति और शांति वरदान के रूप मांगी है तभी वह तीनो मुसाफिर उसको बताते है की वह  तीनो भगवान का ही अंश है और वह तीनो उसकी परीक्षा ले रहे थे यह तीनो वरदान तुम्हारे है। हरी लाल बहुत खुश होता है और सोचता है की चलो धन दौलत ना सही पर श्रद्धा, भक्ति और शांति तो मेरे पास है और जिस इंसान के पास यह तीनो चीज़े हो तो धन वृद्धि धीरे धीरे होने लगती है।  

निष्कर्ष: 
इस कहानी से हमे यह शिक्षा मिलती है की अगर हम कोई भी काम ईमानदारी और बिना स्वार्थ के करते है तो हमे उससे दुगनी ख़ुशी मिलती है।  


JOY'N'SUNNY

   
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3 comments:

  1. Its been a inspirational n heart touching story....really worth it...one must follow d msg...

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