Wednesday, 22 August 2018

JIVAN KE SHISHTACHAR


 जीवन के शिष्टाचार 




१. सौन्दर्य मन से शुरू होता है और शरीर पे समाप्त होता है!
२. मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है!
३. आलस्य से विद्या नष्ट होती है! 
४. स्वार्थ से मित्रता नष्ट होती है!
५. निर्जलता से मर्यादा नष्ट होती है!

Monday, 11 September 2017

बचपन - Childhood (Poem)


 जीवन के शिष्टाचार 




१. सौन्दर्य मन से शुरू होता है और शरीर पे समाप्त होता है!
२. मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है!
३. आलस्य से विद्या नष्ट होती है! 
४. स्वार्थ से मित्रता नष्ट होती है!
५. निर्जलता से मर्यादा नष्ट होती है!

Sunday, 3 September 2017

दोस्ती - Friendship Forever (Poem)

दोस्ती - एक अनमोल रिश्ता (कविता)

दोस्ती ने रिश्तो की अनमोल माला सजाई है
यह दोस्ती ईश्वर ने भी अपनाई है 
तभी तो कृष्ण-सुदामा की दोस्ती 
दुनिया में मिशाल बन पायी है 

Wednesday, 30 August 2017

भक्ति या अन्धविश्वास - Devotion or superstition

भक्ति या अन्धविश्वास 



भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर विभिन्न प्रकार की संस्कृति रिति रिवाज को मानने वाले लोग है यहाँ के लोगो को भगवन से बहुत आस्था है, यहां पर भगवन के प्रति अटूट विश्वास है मरने के बाद मोक्ष को प्राप्त करने जैसी मान्यता है लेकिन हर रोज समाज में ऐसी भी गतिविधि देखने को मिलती है जिसमे भक्ति के नाम पर लोगो को गुमराह करना तथा उनकी अटूट आस्था का कुछ लोग भगवन के नाम पर फायदा उठा रहे है। आज देखा जाये तो कुछ लोग संत का चोला पहन कर लोगो को लूटने का कार्य कर रहे है। 

Monday, 28 August 2017

मेरी माँ - My Mother (Poem)

मेरी माँ (कविता)



मेरी माँ ईश्वर की सूरत है
मेरे लिए ममता की मूर्त है 
मेरे लिये इस संसार में 
अलग सी प्यारी सूरत है